हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "सहीफाए रज़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله و سلم
يَقُولُ اللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ أَنَا خَلِيفَتُهُ فِي أَهْلِهِ وَ مَنْ أَرْضَاهُمْ فَقَدْ أَرْضَانِي وَ مَنْ أَسْخَطَهُمْ فَقَدْ أَسْخَطَنِي
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अल्लाह तआला ने फरमाया, कि मैं खुद शहीद के परिवार में स्वयं उनका उत्तराधिकारी हूं, जिसने इन्हें राज़ी रखा मैं उससे राज़ी हूं और जिस ने इनको क्रोधित किया उसने मुझे क्रोधित किया,
सहीफाए रज़ा ;पेंज 92